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देश की खाऊ पुलिस के खाऊ चूहे

हरियाणा पुलिस मानती है कि उन्हें सबूतों और सरकारी रिकॉर्डों को नष्ट होने से बचाने का एक नायाब उपाय मिल गया है.
बड़े-बड़े पेटू चूहों को डराने के लिए उन्होंने सफ़ेद पालतू चूहों की जोड़ी का इस्तेमाल करना शुरू किया है.

हर तरह के हथियार उपलब्ध होने के बावजूद हरियाणा पुलिस चूहों की बढ़ती आबादी से निपटने में असफल रही जो उनके सरकारी कागज़ात और दूसरे सबूतों को ख़त्म कर देते हैं.

राज्य के करनाल ज़िले में हालात ख़ासतौर पर बदतर हो गए थे जहाँ चूहों की सेना ने कुछ ही सालों में अदालतों के अनेक रिकॉर्ड नष्ट कर दिए थे.

भारत में चूहे एक बड़ी समस्या हैं जो हर साल मानव खाद्य के लिए जमा किया गया टनों अनाज चट कर जाते हैं.

करनाल के वरिष्ठ पुलिस महानिरीक्षक अर्शिंदर सिंह चावला ने कहा, "चूहों ने मोहर्रर मालखाने (रिकॉर्ड रखे जाने का स्थान) पर हमला कर दिया और हम असहाय बने देखते रहे."

उन्होंने कहा, "यह चूहे बहुत खाऊ हैं और हमारे ज़रूरी कागज़ात, कपड़े और यहाँ तक कि जूट की वह बोरियाँ भी चट कर जाते हैं जिनमें हम अपराधियों से या आपराधिक स्थल से मिले एल्कॉहल, नशीला सामान और हथियार रखते हैं."

ऐसा लगता है कि चूहों को अफ़ीम की भूसी से भरी बोरियाँ बेहद पसंद होती हैं. आमतौर पर हरियाणा में नशे के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले इन पदार्थों को पुलिस ड्रग माफ़िया से बड़ी मात्रा में बरामद करती है.

लेकिन अब चावला और उनके साथियों को चूहों के सफ़ेद संबंधियों के रूप में जैसे इस समस्या का उपाय मिल गया है.

चावला ने कहा, "एक महीने पहले अंबाला के एक आदमी ने हमें सुझाव दिया कि हम इन घरेलू चूहों का इस्तेमाल करें."

इस समस्या के लिए कुछ भी करने को तैयार करनाल पुलिस ने प्रयोगशाला के एक सप्लायर से 200 रुपए में दो सफ़ेद चूहे ख़रीदे.

उन्होंने कहा, "इसने तो जादू की तरह काम किया."

उनके अनुसार, "हमारे आदमी इन्हें हर रात मालखाने में छोड़ते और पेटू चूहे तुरंत वहाँ से गायब हो जाते."

चावला ने कहा, "सबसे अच्छी बात यह है कि सफ़ेद चूहे कागज़ या बोरी को नहीं छूते बल्कि वे हमारी ओर से दिए गए दूध और रोटी ही खाते हैं."

करनाल पुलिस कंपाउंड में किये गये इस अनोखे प्रयोग ने विश्वविद्यालय के पशु वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित किया. चावला के ज़हन में भी इस संबंध में अनेक सवाल थे जिनके जवाब वे हिसार के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की पशु प्रयोगशाला से चाहते थे.

भारत के प्रमुख चावल और गेंहू उत्पादक राज्यों हरियाणा और पंजाब में चूहे एक बड़ी समस्या हैं.

अधिकारियों का कहना है कि हर साल टनों अनाज खाने के अलावा चूहे अक्सर नहरों के किनारों को भी अपने बिल बनाकर खोखला कर देते हैं जिससे गाँवों और खेतों में बाढ़ की आशंका बढ़ जाती है.

भारतीय रेलवे समेत अनाज को लाने ले जाने वाले देश की प्रमुख सरकारी और निजी संगठन हर साल चूहों के कहर से बचने की कोशिश में लाखों रुपए खर्च कर देते हैं.

चावला ने कहा कि वे नहीं जानते कि सफ़ेद चूहों ऐसा क्या और कैसे करते हैं लेकिन यह देश की बड़ी समस्या से बचने का एक नायाब तरीक़ा ज़रूर है.

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